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Pimple kaise hataye | सिर्फ 7 दिनों के अंदर

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  चेहरे पर पिंपल्स क्यों होते हैं? सबसे पहले तो आपको जानना होगा कि मुंहासे (pimple's) कब होने लगता है, हमारे चेहरे या फिर शरीर में। ‌देखिए मुंहासे (pimple's) कोई बीमारी नहीं है, बल्कि जब आपके डेड सेल्स स्किन के छेद्रीयों से बाहर नहीं निकल पाता है। तब ये डेड सेल्स मुंहासे (pimple's) के रूप में बदल जाते हैं। ‌और दूसरा कारण हो सकता है कि आपके खून (Blood) में बहुत ज्यादा मात्रा मे गंदगी भरी हुई है, तो एक बार ज़रूर से अपने खून की जांच करवा लीजिएगा। चेहरे से पिंपल्स हटाने के उपाय 1. Hamdard safi (हमदर्द साफी) हमदर्द साफी एक ऐसी मेडिसिन है, जो आपकी खून की गन्दगी को साफ करने में मदद करता है। और करीब 90% केसेस में देखा गया है कि खून में गन्दगी होने की वजह से ही पिंपल्स आने लगते हैं। ये मेडिसिन (Hamdard Safi) आपको हर मेडिकल स्टोर पर मिल जायेगा। इसकी कीमत आपको पड़ेगी करीब 60₹ से लेके 100₹ के बीच में। और Hamdard Safi दिखने में कुछ इस तरीक़े के डीबी में देखने को मिलती है। ये चीज में अपने एक्सप्रिंस से बता रहा हूं। जो डॉक्टर ने मेरा भी इसी मैथर्ड के साथ मेरे पिंपल्स का इलाज किया

Chandil Dam | पूरी जानकारी हिन्दी में

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परिचय . चांडिल डैम - झारखण्ड का सबसे ज्यादा देखे जाने वाले स्थानों में से एक है। इस डैम को बनाया गया है स्वर्ण रेखा नदी के अपर। चांडिल डैम सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए। और यहां पर पत्थर पर बनी कई सारी मूर्तियां पाई गई है, लोगों का मानना है कि ये मूर्तियां करीब 2,000 साल पुरानी है। इन प्रतिमाओं को चांडिल डैम के संग्रहालय (शीशमहल ) पर सुरक्षित रखा गया है।इसके अलावा चांडिल डैम झारखण्ड का सबसे बड़ा डैम भी है, और ये डैम मौजूद है Jharkhand राज्य के Seraikela district में चांडिल नामक जगह पर। चांडिल डैम को बनाने का सबसे बड़ा कारण था, फैक्ट्रियां और गांव/शहरों में पीने का साफ पानी पोहुंचना। और साथ ही साथ बाढ़ को नियंत्रण करना।हालांकि इस डैम में विद्युत बनाने का भी पूरा system लगा हुआ है। पर किसी कारण के चलते आज तक भी बिजली project को नहीं शुरू किया जा सका है। History of chandil dam ( चांडिल डैम का इतिहास) Chandil dam को तीन राज्यों की सरकारों ने मिलकर बनाया है, झारखण्ड, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल। इस मेगा प्रोजेक्ट का समझौता हुआ था साल 7-8-1978 को। ये वह समय था जब झार